पारदेश्वर शिवलिंग FOR DUMMIES

पारदेश्वर शिवलिंग for Dummies

पारदेश्वर शिवलिंग for Dummies

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स्वयंभू शिव: स्फटिक शिवलिंग को भगवान शिव का स्वयंभू रूप माना जाता है। अर्थात, यह प्राकृतिक रूप से निर्मित होता है और किसी बाहरी प्रक्रिया से नहीं।

प्राचीन ग्रंथों में पारद शिवलिंग को स्वयं सिद्ध धातु माना गया है.

पारद शिवलिंग को शास्त्रों और पुराणों में बहुत खास और चमत्कारिक बताया गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पारद की उत्पत्ति भगवान शिव के अंश से हुई है। इसलिए पारद शिवलिंग की पूजा करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। ब्रह्म पुराण में कहा गया है कि जो व्यक्ति पारद शिवलिंग की भक्ति पूर्वक पूजा करता है, वह सभी सांसारिक सुखों का भोग करता है और अंत में सर्वोच्च गंतव्य (मोक्ष) को प्राप्त करता है। जीवन काल में उन्हें मान-सम्मान, उच्च पद, नाम और यश, और विद्या की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं पारद शिवलिंग की पूजा के क्या फायदे हैं…

आपण ह्या लेखात पारद शिवलिंग बद्दल जाणून घेऊया.

जिस व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास की कमी होती है या वह हमेशा जीवन में दूसरों से दबा हुआ महसूस click here करता है, तो उसे इस शिवलिंग की पूजा अवश्य करनी चाहिए।

नकारात्मकता का नाश: पारद शिवलिंग अपने आसपास की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने में सहायक होता है।

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पारद शिवलिंग से सिर्फ भगवान शिव का ही आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता बल्कि माता लक्ष्मी की कृपा भी बरसती है।

कोटा जंक्शन पर स्थित श्रीराम मंदिर में स्थापित है पारद शिवलिंग

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आपको अपने घर में बड़ा शिवलिंग नहीं रखना चाहिए।

घर में पार्थिव शिवलिंग, धातु या स्फटिक और पारद शिवलिंग रख सकते हैं. लेकिन इनमें से श्रेष्ठ

पूजा के बाद इन शिवलिंगों की देखभाल कैसे करें?

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